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Showing posts from July, 2018
इक राह .. मे दूर तक .. घनी घटाएं .. रंग बिरंगे फूलों से भरी  है .. दूर दूर  तक सभी डालियाँ .. और .. पत्ते पत्ते पर खिली हरियाली .. फूलों से ढली घेघूर घटायें .. नीले गगन से कहे हमेशा .. तेरे ही दर्पण मे मेरी कहानी .. कहे सदा ये कोई कहानी .. मीठी मधुर सी महकती शाम मे .. दूर दूर तक चली रवानी .. यहीं  सरकता समय और .. सारी.. यहीं  पर छुपी हुई है साजन ... . है ये सब .. यादों के ख़ज़ाने .. मे मेरी भी .. घड़ियाँ .. हर एक क्षण एक बीती  .. टुकड़ों  मे .. हर पत्ते पर नयी कहानी .. थमी थमी सी राहों .. में बिखरे .. फूलों के कुञ्ज से भरी डालियाँ.. भरी भरी है सभी लताएं .. भरा हुआ गगन तारों से .. चंदा भी खेलें बादलों मे.. छुपकर.. दक्षिण से उत्तर .. और.. कभी दूर तक.. सीधी राहें.. मुड़ती है रुक कर. .. नदी किनारे.. नाव अकेली.. भव सागर मे डोले नैया.. इन राहों पे चलते चलते.. हुई जो .. प्रणव प्रेम और सारी रतियाँ..
चमकता  हुआ एक तारा तुटे .. दिल से दिल तक बिखरती चमक में.. धुंधली सी बादलों में छुपी हुई ये.. मन्न मोहिनी मधुर सी.. चले है धड़कने.. हज़ारों कणो में सितारे बिखरे और.. सारे गगन को सजा उठी है.. सांसों में सरकती .. जो दिल को छूकर.. अंतर मृगजला.. है.. ये .. एक.. अति रिक्ता.. सी बैरन.. जो.. विचार विषय से परे हुआ.. जब.. प्रेम का प्रयास .. कर्ता और कारण.. मानो तो मेरा है.. यही सब साजन.. तुम्हारी यादें और खाली सी..  है.. धड़कन.. खाली खाली सा .. साँसों का मेला.. है.. वसंत बहारों मे.. पतझर सा.. मौसम.. समय समय की अपनी है .. गाथा.. कभी ओट तो कभी.. उमड़ती.. तरंगो का .. सागर.. जीवन है,, अनमोल घड़ियों का दर्पण..